देहरादून।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केदारनाथ रोपवे और हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबा रोपवे बनाया जाएगा। इस परियोजना की लागत 4,081 करोड़ रुपए होगी। वर्तमान में केदारनाथ यात्रा में 8-9 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस रोपवे के बनने से यह यात्रा केवल 36 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा और तीर्थयात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इसके अलावा, यह परियोजना चारधाम यात्रा को बढ़ावा देगी, जिससे स्थानीय व्यवसायों को फायदा होगा और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना- हेमकुंड साहिब में भी एक रोपवे परियोजना पर काम किया जाएगा, जिसकी लागत 2,730 करोड़ रुपए होगी। इस परियोजना के माध्यम से श्रद्धालुओं को हेमकुंड साहिब तक पहुंचने में आसानी होगी। यह रोपवे तीर्थयात्रियों के लिए एक सुविधाजनक और आरामदायक विकल्प होगा।
आपको बता दे कि इन दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण की समय सीमा 4 से 6 साल है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) के निर्णयों की घोषणा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की।
रोपवे परियोजना के यह होंगे फायदे:-
इन परियोजनाओं से यात्रा अधिक सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल होगी।
यात्रा सीजन में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और बुजुर्गों तथा दिव्यांगों के लिए यात्रा आसान होगी।
पूरे 6 महीने तीर्थयात्रियों की आवाजाही जारी रहेगी, जिससे संसाधनों पर दबाव कम होगा।
यह रोपवे स्थानीय व्यापारों को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।