टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने पहली बार मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) का पद सृजित किया है.
टिहरी: लक्ष्मी प्रसाद जोशी देश की अग्रणी ऊर्जा कंपनी टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) नियुक्त किये गये हैं. लक्ष्मी प्रसाद जोशी उत्तराखंड चमोली जिले के कुलसारी (नौड़-बजवाड़ गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने संघर्ष और मेहनत के दम पर ये उपलब्धि हासिल की है.
कभी पहाड़ की पगडंडियों पर रोजाना आठ किलोमीटर पैदल चलकर थराली इंटर कॉलेज पहुंचने वाला एक छात्र आज देश की अग्रणी ऊर्जा कंपनी टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) बन गया है. उत्तराखंड चमोली जिले के कुलसारी (नौड़-बजवाड़ गांव) के बेटे लक्ष्मी प्रसाद जोशी ने अपने संघर्षो से सफलता के कई नए-नए मुकाम हासिल किए हैं. उनकी मेहनत, लगन और ईमानदारी ने उन्हें यह मुकाम दिलाया है.
लक्ष्मी प्रसाद जोशी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने ही गांव के स्कूल से पूरी की. इंटर तक की पढ़ाई थराली इंटर कॉलेज से की. वह भी रोज़ाना आठ किलोमीटर पैदल चलकर. सीमित संसाधनों के बीच उनके माता-पिता ने उनके भीतर दृढ़ता और संकल्प का जो बीज बोया उससे आगे चलकर वह देश की शीर्ष ऊर्जा परियोजना तक पहुंचे हैं. टीएचडीसी में 1 जनवरी 2023 को अधिशासी निदेशक का दायित्व संभालने के बाद जोशी ने अपने दो साल के कार्यकाल में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की. टिहरी बांध पंप स्टोरेज प्लांट (PSP) की चार यूनिटों में से दो यूनिटों (250-250 मेगावाट) से विद्युत उत्पादन की शुरुआत उनके नेतृत्व में हुई. 250-250 मेगावाट की शेष दो यूनिटें अब अंतिम चरण में हैं. इसके साथ ही कोटेश्वर में अंतरराष्ट्रीय टिहरी वाटर स्पोर्ट्स अकादमी का संचालन भी उनके कार्यकाल में प्रारंभ हुआ. जिसने टिहरी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई.
उनके पिता स्वर्गीय विद्यादत्त जोशी कर्मठ, ईमानदार और समर्पित शिक्षक रहे. पिता की सादगी, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा ने ही लक्ष्मी प्रसाद जोशी के व्यक्तित्व को गढ़ा. टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने पहली बार मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) का पद सृजित किया है. इस पद की जिम्मेदारी एलपी जोशी को सौंपी गई है. उन्होंने ऋषिकेश स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय में कार्यभार ग्रहण किया. टीएचडीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत करते नए दायित्व के लिए शुभकानाएं दी.
लक्ष्मी प्रसाद जोशी का लंबा अनुभव, तकनीकी दृष्टि और समर्पण टीएचडीसी को जिम्मेदार ऊर्जा उत्पादन के नए स्तर पर ले जाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने यह साबित किया है कि पहाड़ की विषम भौगोलिग परिस्थतियों में सीमित संसाधनों में भी असीम संभावनाएं छिपी होती हैं. आज उनका यह सफर उसी मेहनत का परिणाम है.एलपी जोशी ने हमेशा से ही गरीबों का साथ दिया है. हर समय दुख सुख में खड़े रहते हैं. यही उनकी सादगी है. टिहरी का कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं रहा जिसमें एल पी जोशी जी ने भाग नहीं लिया.