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प्रधानमंत्री पोषण योजना में तीन करोड़ से अधिक का गबन, एसआईटी को सौंपी जांच

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प्रधानमंत्री पोषण योजना में तीन करोड़ से अधिक का गबन, एसआईटी को सौंपी जांच

शिक्षा मंत्री के मुताबिक शिक्षा विभाग को पीएम पोषण प्रकोष्ठ देहरादून में वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिली थी। जिसकी विभागीय जांच में एक उपनल कर्मचारी को दोषी पाया गया है।

प्रधानमंत्री पोषण योजना में हुए तीन करोड़ रुपये से अधिक के गबन की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसके लिए अनुमोदन दे दिया है। मामले में छह जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक सहित कुछ अन्य अधिकारी जांच के घेरे में हैं।

शिक्षा मंत्री के मुताबिक इसमें तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई। जांच में पाया गया कि विद्यालयी शिक्षा विभाग के तहत देहरादून में पीएम पोषण प्रकोष्ठ में तीन करोड़ 18 लाख रुपये के सरकारी धन का गबन हुआ है।

अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल की अध्यक्षता की गई जांच की विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपी दी गई है। प्रकरण की तह तक पहुंचने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है। प्रकरण की जांच एसआईटी को सौंपी गई है, ताकि घोटाले के आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जिसने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती है।

छह डीईओ बेसिक सहित कुछ अन्य अधिकारी जांच के घेरे में
शिक्षा विभाग में वर्ष 2023-24 से 2025-2026 तक तीन करोड़ 18 लाख से अधिक का गबन किया गया। विभागीय जांच में डीईओ बेसिक देहरादून के कार्यालय में कार्यरत उपनल कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से दोषी पाया गया है। वहीं, प्रकरण में छह जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक सहित वित्त एवं लेखाधिकारी भी जांच के घेरे में है। इन सभी के खिलाफ उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) अधिनियम के तहत कार्रवाई की तैयारी है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने बिना किसी जांच के पीएम पोषण संबंधी खातों से धनराशि का आनलाइन अवैध अंतरण विभिन्न खातों में होने दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा, भविष्य में ऐसे प्रकरण न हो इसके लिए वित्तीय एवं अन्य गोपनीय काम केवल जिम्मेदार और सक्षम स्थाई कार्मिकों को ही सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

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